Sunday 15 October 2017

आज का हिन्दू पंचांग !! 16 अक्टूबर 2017 By Indian Tubes


  •  आज का दिनांक 16 अक्टूबर 2017
  •  दिन - सोमवार
  •  विक्रम संवत - 2074
  •  शक संवत -1939
  •  अयन - दक्षिणायण
  •  ऋतु - शरद
  •  गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मास - अश्विन
  •  मास - कार्तिक
  •  पक्ष - कृष्ण   
  •  तिथि - द्वादशी
  •  नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी
  •  योग - शुक्ल
  •  राहुकाल - सुबह 08:04 से सुबह 09:31 तक 
  • सूर्योदय - 06:35
  •  सूर्यास्त - 18:12 
  •  दिशाशूल - पूर्व दिशा में
  •  व्रत पर्व विवरण - गोवत्स द्वादशी, गुरु द्वादशी, वाध बारस

💥 विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार और द्वादशी के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

           🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 धनतेरस 🌷
➡ 17 अक्टूबर 2017 मंगलवार को धनतेरस है ।
🙏🏻 कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन को धनतेरस कहते हैं । भगवान धनवंतरी ने दुखी जनों के रोग निवारणार्थ इसी दिन आयुर्वेद का प्राकट्य किया था । इस दिन सन्ध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हे इस मंत्र के साथ दीप दान करना चाहिये-
🌷 मृत्युना पाशदण्डाभ्याम्  कालेन श्यामया सह ।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥
🔥 (त्रयोदशी के इस दीपदान के पाश और दण्डधारी मृत्यु तथा काल के अधिष्ठाता देव भगवान देव यम, देवी श्यामला सहित मुझ पर प्रसन्न हो।)


           🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 दीपावलीः लक्ष्मीप्राप्ति की साधना 🌷
➡ 19 अक्टूबर 2017 गुरुवार को दीपावली है।
🎆 दीपावली के दिन घर के मुख्य दरवाजे के दायीं और बायीं ओर गेहूँ की छोटी-छोटी ढेरी लगाकर उस पर दो दीपक जला दें। हो सके तो वे रात भर जलते रहें, इससे आपके घर में सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होगी।
🔥 मिट्टी के कोरे दियों में कभी भी तेल-घी नहीं डालना चाहिए। दिये 6 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर इस्तेमाल करें। नासमझ लोग कोरे दियों में घी डालकर बिगाड़ करते हैं।
🙏🏻 लक्ष्मीप्राप्ति की साधना का एक अत्यंत सरल और केवल तीन दिन का प्रयोगः दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात् भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में अगरबत्ती या धूप (केमिकल वाली नहीं-गोबर से बनी) करके दीपक जलाकर, शरीर पर पीले वस्त्र धारण करके, ललाट पर केसर का तिलक कर, स्फटिक मोतियों से बनी माला द्वारा नित्य प्रातः काल निम्न मंत्र की दो मालायें जपें।
🌷 ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद् महै।
अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।।
🍃 अशोक के वृक्ष और नीम के पत्ते में रोगप्रतिकारक शक्ति होती है। प्रवेशद्वार के ऊपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते को तोरण (बंदनवार) बाँधना मंगलकारी है।
🙏🏻 क्या करें क्या न करें पुस्तक से
           
 🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 धनतेरस 🌷
‘स्कंद पुराण’ में आता है कि धनतेरस को दीपदान करनेवाला अकाल मृत्यु से पार हो जाता है | धनतेरस को बाहर की लक्ष्मी का पूजन धन, सुख-शांति व आंतरिक प्रीति देता है | जो भगवान की प्राप्ति में, नारायण में विश्रांति के काम आये वह धन व्यक्ति को अकाल सुख में, अकाल पुरुष में ले जाता है, फिर वह चाहे रूपये – पैसों का धन हो, चाहे गौ – धन हो, गजधन हो, बुद्धिधन हो या लोक – सम्पर्क धन हो | धनतेरस को दिये जलाओगे .... तुम भले बाहर से थोड़े सुखी हो, तुमसे ज्यादा तो पतंगे भी सुख मनायेंगे लेकिन थोड़ी देर में फड़फड़ाकर जल – तप के मर जायेंगे | अपने – आपमें, परमात्मसुख में तृप्ति पाना, सुख - दुःख में सम रहना, ज्ञान का दिया जलाना – यह वास्तविक धनतेरस, आध्यात्मिक धनतेरस है |



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