🌞 ~ आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞
⛅ आज का दिनांक 03 नवम्बर 2017
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत - 2074
⛅ शक संवत -1939
⛅ अयन - दक्षिणायण
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - चतुर्दशी दोपहर 01:46 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ नक्षत्र - अश्विनी
⛅ योग - वज्र सुबह 10:42 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहुकाल - सुबह 10:58 से दोपहर 12:22 तक
⛅ सूर्योदय - 06:43
⛅ सूर्यास्त - 18:00
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत
पर्व विवरण - वैकुंठ चतुर्दशी, व्रत पूर्णिमा, त्रिपुरा पूर्णिमा
💥 विशेष - चतुर्दशी और अष्टमी तिथि,
रविवार, श्राद्ध और व्रत के दिन स्त्री-सहवास
तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌞 ~ हिन्दू
पंचांग ~ 🌞
🌷 व्यतिपात योग 🌷
🙏🏻 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस
समय जप पाठ प्राणायम, माला
से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता
प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका
१ लाख गुना फल मिलता है।ष
🙏🏻 वाराह पुराण में ये बात आती है
व्यतिपात योग की।
🙏🏻 व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के
गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य
देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने
उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई
फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के
लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और
आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह
पुराण में।
💥 विशेष ~ व्यतिपात योग - 04 नवम्बर 2017 शनिवार को सुबह 07:13 से 05 नवम्बर 2017 रविवार को प्रातः 03:25 am. तक व्यतिपात योग है।
🙏🏻 कथा स्रोत - बडोदा २००८ में १२ नवम्बर
को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)
🌞 ~ हिन्दू
पंचांग ~ 🌞
🌷 त्रिपुरारी पूर्णिमा 🌷
🙏🏻 (03 नवंबर,शुक्रवार को दोपहर 01:47 से 04 नवम्बर, शनिवार को सुबह 10:52 तक)कार्तिक मास की पूर्णिमा हैं। धर्म
ग्रंथों के अनुसार,इसी
दिन भगवान शिव ने असुरों के तीन नगर(त्रिपुर)का नाश किया था। इसलिए इसे त्रिपुरारी
पूर्णिमा भी कहते हैं। चूंकि त्रिपुरारी पूर्णिमा भगवान शिव से संबंधित है इसलिए
इस बार ये शुभ योग आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के
अनुसार,इस
दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो
सकती है।
➡ आपकी
परेशानियां दूर कर सकते हैं ये उपाय
1⃣ यदि
विवाह में अड़चन आ रही है तो पूर्णिमा को शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएं । जल्दी
ही विवाह के योग बन सकते हैं ।
2⃣ मछलियों
को आटे की गोलियां खिलाएं । इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें । यह धन
प्राप्ति का सरल उपाय है ।
3⃣ पूर्णिमा
को 21
बिल्व पत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं । इससे आपकी इच्छाएं
पूरी हो सकती है ।
4⃣ पूर्णिमा
को नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं । इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों
का अंत होगा ।
5⃣ गरीबों
को भोजन करवाएं ।इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा
को शांति मिलेगी ।
6⃣ पानी
में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ॐ नम: शिवाय का जप करें । इससे मन
को शांति मिलेगी ।
7⃣ घर
में पारद शिवलिंग की स्थापना करें व रोज उसकी पूजा करें । इससे आपकी आमदनी बढ़ाने
के योग बनते हैं ।
8⃣ पूर्णिमा
को आटे से 11
शिवलिंग बनाएं व 11
बार इनका जलाभिषेक करें । इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं ।
9⃣ शिवलिंग
का 101
बार जलाभिषेक करें । साथ ही महा मृत्युंजय *ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ
त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय
मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ । मंत्र का जप करते रहें । इससे
बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है ।
🔟 पूर्णिमा को भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं । तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है ।